साधक सावधानी

 💫फरवरी 21, 2023: सुबह की भावपूर्ण साधना के मुख्य आकर्षण🎼

🌷✨जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की जय!✨🌷

जगद्गुरु आदेश:

साधक सावधानी

- खाली समय मे श्वास श्वास से, बिना माला के, राधे नाम का जाप करो।

- निरर्थक न बोलो। कम बोलो, मीठा बोलो। कम लोगों से दोस्ती रखो, कम लोगों से मिलो।

- संयम के साथ वाणी का प्रयोग करो। किसी का अपमान न करो। कड़क न बोलो। उसे दुखी न करो। अपमान सहने की शक्ति बढ़ाओ। सहनशीलता और दीनता बढ़ाओ।

- दूसरे में दोष न देखो। इससे मन गंदा हो जायेगा। अपने में दोष देखो।

- काम क्रोध लोभ मोह से बच के रहो। इनके शुरुआत में ही सावधान होकर इनको दबाना सीखो। इसीसे भगवान् और गुरु की कृपा मिलेगी।

- टाइम का सदुपयोग करो। जो भी समय मिले साधना में लगाओ। मन ही मन में भगवान् के नाम का जाप करना भी साधना ही है।

- अपना नुकसान न हो - जो कमाया है उसे बचाओ।

- घर में एक व्यक्ति बोले तो दूसरा चुप हो जाओ। इससे बात आगे नहीं बढ़ेगी। सब में प्यार का व्यवहार रखो।

- गलती से गड़बड़ हो जाए तो फील करो और सुधार करो।

- मानव देह अमूल्य है। राग द्वेष में इसको समाप्त न करो। लापरवाही न करो।


सवेरे उठकर दो मिनट सोचो - हमें सावधान रहना है। और रात को सोते समय सोचो आज हमने कहाँ गड़बड़ किया। जहाँ गड़बड़ी हुई उसको सुधारो। अभ्यास में जुट जाओ।


इसका सही अभ्यास करने से एक महीने में ही मन में सुख और शांति होगी।

कीर्तन:

- जयति जय जय सद्गुरु महाराज (प्रेम रस मदिरा, सद्गुरु माधुरी, पद सं. 3)

- मन करु सुमिरन राधे रानी के चरण (ब्रज रस माधुरी, भाग 1, पृष्ठ सं. 125, संकीर्तन सं. 58)

- हरे राम संकीर्तन

- ब्रज के सवैये

नाम महाधन है अपनो, नहीं सम्पति और न दुसरो जानी

छोड़ अटा ओ अटारी सबै, ब्रज में हमको कुटिया है बसानी

खायबे को रसिकन जूठन अरु पीयबे को यमुना जल पानी

औरन की परवाह नहीं, ठकुरानी हमारी श्री राधिका रानी



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