सारा काम चिंतन का है और कुछ है ही नहीं विश्व में। अधिक चिंतन जिस चीज का करोगे वैसे ही बन जाओगे। अच्छाई का चिंतन करो अच्छे बन जाओगे, बुराई का चिंतन कुछ दिन करो, कितने भी अच्छे हो,जरूर बुरे बन जाओगे। चिंतन की लिंक के अनुसार उत्थान पतन दोनों संभव है। इसलिए मन को खाली मत रखो, गलत सँग में मत डालो। गलत व्यक्तियों से न बात करो, न उनकी सुनो, और कहीं कान में पड़ जाये तो उसको ऐसे फेंक दो जैसे कंकड़ को खाना खाते समय फेंक देते हैं। चिंतन में अनंत शक्ति है, राक्षस बना दे, महापुरुष बना दे।
जगद्गुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज
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