श्यामा श्याम सलोनी सूरत को श्रृंगार बसन्ती है।
मोर मुकुट की लटक बसन्ती
चन्द्रकला की चटक बसन्ती
मुख मुरली की मटक बसन्ती
शिर पे पेच श्रवन कुन्डल छविदार बसन्ती है।।
श्यामा श्याम सलोनी सूरत को श्रृंगार बसन्ती है...
माथे चंदन लह्यो बसन्ती
पट पीताम्बर कस्यौ बसन्ती
मेरे मन मोहन बस्यौ बसन्ती
गुंजमाल गल सोहे फूलन को हार बसन्ती है।।.......
कनक कड़ूला हस्त बसन्ती
चलैं चाल अलमस्त बसन्ती
पहर रहे हैं वस्त्र बसन्ती
रुनक झुनक पग नुपुर की झनकार बसन्ती है।।...
संग ग्वालन कौ टोल बसन्ती
बजें चंग ढफ ढोल बसन्ती
बोल रहे हैं बोल बसन्ती
सब सखियन में राधे जू सरदार बसन्ती है।।....
परम प्रेम परसाद बसन्ती
लगै चसीलौ स्वाद बसन्ती
है रही सब मरयाद बसन्ती
रसिक रंगीले श्मामा श्याम बसंती है ।
श्यामा श्याम सलोनी सूरत को श्रृंगार बसन्ती है
🌹जगद्गुरु कृपालु परिषद🌹
आप सभी क़ो बसंत पंचमी की शुभकामनायें सहित राधे राधे 🙏🙏
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