【📖प्रश्नोतरी भाग- 2 📖】【प्रश्न :- 13】
श्री महाराज जी द्वारा उत्तर :
स्थूल शरीर , सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर इनका बहुत लम्बा डिटेल है लेकिन कारण शरीर जो है वो वासना का होता है । हमारी जो इच्छायें हैं उसी का शरीर है वो । सूक्ष्म भी नहीं है । ये कारण शरीर महाप्रलय में भी रहता है। स्थूल शरीर नही जाएगा, सूक्ष्म शरीर भी नही जाएगा केवल कारण शरीर (वासना का ) जाएगा; भगवान के महोदर में लीन रहेगा। भगवत्प्राप्ति पर तीनों शरीर समाप्त हो जाते हैं फिर दिव्य शरीर मिलता है, गोलोक के लिये। तीन शरीर का बंधन है । पाँच कोश , पाँच क्लेश , तीन शरीर , तीन कर्म , तीन ताप , दो द्वंद्व और एक अविद्या ; इतने सब हमारे दुश्मन हैं जो चौरासी लाख में घुमा रहे हैं । भगवत्प्राप्ति पर ही ये सब इकट्ठे जायेंगे । ऐसा नहीं है कि एक चला गया , एक रुक गया । ऐसा नहीं । इन सबकी जननी माया है । भगवत्प्राप्ति पर जब माया जायेगी तो अपने सारे परिवार को ले जायेगी ।
जगद्गुरुतम श्री कृपालु जी महाराज
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