चाहे तू पाताल में चला जा,चाहे स्वर्ग में जाकर निवास कर,चाहे सुमेरु के शिखर पर चढ़कर वहाँ बैठ जा अथवा समुद्र से पार होकर किसी अपरचित देश में चला जा। यह सब करने पर भी तेरी आशा शान्त न होगी। यदि तू सचमुच अपना कल्याण चाहता है,यदि वास्तव में तेरी "आधि-व्याधि" और "जरा-मृत्यु" के भयसे बचने की इच्छा है,तो ' श्री कृष्णरुपी 'रसायन का सेवन कर। उसी से तेरे संपूर्ण रोग दूर हो जायँगे।अन्य व्यर्थ के उपायों मे लगे रहने से क्या लाभ ?”
- श्री श्रीचैतन्य-चरितावली🌷🌷
No comments:
Post a Comment